केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के लिए सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक बड़े डिजिटल बदलाव से गुजरने वाला है, जिसका वर्जन 3.0 मई या जून तक लॉन्च होने वाला है. मंडाविया ने एक इंटरव्यू में कहा कि आने वाले दिनों में, नए वर्जन 3.0 पर क्लेम के तेजी से प्रोसेसिंग के कारण ईपीएफओ लाभार्थी एटीएम से धन निकाल सकेंगे. उन्होंने कहा कि ईपीएफओ जल्द ही एक मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म की मदद से वर्जन 3.0 को लागू करेगा, ताकि ऑटो-क्लेम सेटलमेंट, डिजिटल सुधार और एटीएम से फंड विड्रॉल सहित सहज और सरलीकृत सेवाएं प्रदान की जा सकें. इस बदलाव का उद्देश्य ईपीएफओ को सुलभ और कुशल बनाना है.
नए वर्जन में मिलेंगी काफी सुविधाएं
मंडाविया के अनुसार, नया वर्जन जटिल और लंबी फॉर्म भरने की प्रक्रिया या क्लेम और करेक्शन के लिए ईपीएफओ ऑफिस जाने की जरुरत को खत्म करर देगा. लाभार्थी ओटीपी वेरिफिकेशन का यूज कर अपने ईपीएफओ अकाउंट्स और मैंडेट को अपडेट कर सकेंगे और आसानी से अपने पेंशन अधिकारों की निगरानी कर सकेंगे या धन निकाल सकेंगे. उन्होंने कहा कि क्लेम के तेजी से निपटान के कारण, धनराशि ग्राहक के बैंक खाते में शीघ्र उपलब्ध हो जाएगी. उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के पास वर्तमान में सॉवरेन गारंटी के साथ 27 लाख करोड़ रुपए का फंड है और इस पर 8.25 फीसदी ब्याज मिलता है. मंत्री ने कहा कि सरकार पेंशन कवरेज को सुव्यवस्थित और मजबूत करने के लिए अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना और श्रमिक जन धन योजना सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के इंटीग्रेशन पर भी विचार कर रही है.
आयुष्मान भारत योजना का मिलेगा लाभ
श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए मंडाविया ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत लाभार्थी जल्द ही आयुष्मान भारत योजना के तहत लिस्टेड अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकेंगे. इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने के लिए नामित चैरिटी द्वारा संचालित निजी अस्पतालों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा. वर्तमान में, ईएसआईसी 165 अस्पतालों, 1,500 से अधिक औषधालयों और लगभग 2,000 लिस्टेड अस्पतालों के माध्यम से लगभग 18 करोड़ लोगों को मुफ्त उपचार प्रदान करता है.
मंडाविया ने कहा कि ईपीएफओ ने वर्जन 2.01 के रोलआउट के बाद अपनी ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम में उल्लेखनीय सुधार किया है, जिससे शिकायतों की संख्या आधी से भी कम रह गई है. ईपीएफओ 3.0 की शुरुआत के साथ, संगठन का लक्ष्य पहुंच और दक्षता में और सुधार करना है. 2024-25 में, ईपीएफओ ने नियोक्ताओं द्वारा दाखिल 1.25 करोड़ ईसीआर के माध्यम से 3.41 लाख करोड़ रुपए से अधिक का अंशदान एकत्र किया.
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स मिलेगी सेफ्टी
मंत्री ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि उनकी वर्तमान संख्या एक करोड़ से अधिक है और अगले पांच वर्षों में दोगुनी होने की उम्मीद है. इस पहल के हिस्से के रूप में, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 15 अप्रैल को खाद्य वितरण मंच स्विगी के साथ राष्ट्रीय कैरियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल के साथ गिग और लॉजिस्टिक्स रोजगार के अवसरों को इंटीग्रेट करने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस साझेदारी का लक्ष्य अगले दो से तीन वर्षों में 12 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना है. स्विगी एनसीएस पोर्टल पर अपनी डिलीवरी, लॉजिस्टिक्स और सहायक भूमिकाओं को लिस्ट करेगी, जिससे अधिक श्रमिकों को रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.