Time to recheck your nomination in your bank account and locker to ensure smooth succession of your assets.

Bank Nomination Rules: बैंक के लॉकर को पैसे- गहने को रखने के लिए एक सुरक्षित जगह मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं अब बैंक खाताधारक एक के बजाय चार नॉमिनी को जोड़ सकते हैं. इसके कारण पैसों के उत्तराधिकार को लेकर होने वाले विवादों को कम करने में काफी मदद मिलेगी. आपको बता दें, कि यह बदलाव राज्यसभा में बैंकिंग कानून विधेयक पारित होने के बाद से आया है.

नॉमिनेशन के नियमों में बदलाव

पहले अकाउंट होल्डर सिर्फ एक नॉमिनी को जोड़ सकते थे, उनकी मृत्यु के बाद उनके बैंक अकाउंट से पैसे पाने का हकदार होता था. लेकिन अब इस नए नियम के तहत, चार नॉमिनी तक नामांकित किए जा सकते हैं. इससे अकाउंट होल्डर अपने मनमुताबिक पैसों को बंटवारा करने में आसानी होगी.

आपको एक उदाहरण के तौर पर बताएं तो अकाउंट होल्डर अपने पत्नी के अलावा माता-पिता और बच्चों को भी नॉमिनी बना सकता है और वो यह भी तय कर सकता है कि किसको कितनी रकम मिलेगी. इस बदलाव में दो तरह की नॉमिनेशन की प्रक्रिया जोड़ी गई हैं. इसमें एक सिमल्टेनियस और सक्सेसिव है. इससे अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद पैसों का बंटवारा ज्यादा बेहतर तरीके से किया जा सकेगा.

दोनों नॉमिनेशन प्रक्रिया की डिटेल

सिमल्टेनियस नॉमिनेशन (Simultaneous Nomination) में अकाउंट होल्डर बता सकता है कि उसकी जमा राशि का नॉमिनीज के बीच बंटवारा कैसा होगा. जैसे कि किसी के खाते में 10 लाख रुपए और तीन नॉमिनी हैं तो वो उसे 40:30:30 रेशयों में बांट सकते हैं.

इसका मतलब यह हुआ कि पहले नॉमिनी को 4 लाख रुपए मिलेंगे बाकी दूसरे और तीसरे को 3-3 लाख रुपए मिलेंगे.दूसरी है, सक्सेसिव नॉमिनेशन, इसमें अकाउंट होल्डर के पैसे प्राथमिकता के अनुसार देता है. इसका मतलब है कि पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं होता है तो पैसा दूसरे नॉमिनी को मिलेगा.

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